• Friday, Oct 10,2025
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द्वाकापुरी धाम, स्टैच्यू आफ यूनिटी व सप्त ज्योर्तिलिंग तीर्थयात्रा

विशेष तीर्थयात्रा का शुभारंभ नई दिल्ली से होगा।

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से प्रातः10 बजे शुभ प्रस्थान।

क्षिप्रा स्नान, महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग दर्शन, बड़ा गणेश मन्दिर, हरिसिद्धि मन्दिर, सन्तोषी माता मन्दिर।

यात्रा का किराया


भोजन, चाय, नाश्ता, बस सहित स्लीपर क्लास कोच का किराया ₹ 23,000 प्रति सवारी होगा। अग्रिम बुकिंग हेतु ₹ 1,001 प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन ‘श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा’ ऋषिकेश के S.B.I बैंक खाते में जमा करवा दें। शेष धनराशि यात्रा प्रारंभ के समय गाड़ी में बैठने पर ली जायेगी।

यात्रा विवरण


घूमने के लिए बसों की व्यवस्थाघूमने के लिए बसों की व्यवस्था

चिन्हित स्थानों पर बसों की व्यवस्था संस्था के द्वारा होगी। यह बस यात्रियों को रेलवे स्टेशन से मन्दिर तक ले जायेगी तथा वहां से घुमाकर वापिस स्टेशन पर लायेगी। जिन स्थानों पर का निशान नहीं है वहाँ पर मन्दिरों की स्टेशन से दूरी नगण्य है इसलिए यात्री (स्वयं के खर्च से) पैदल अथवा रिक्शे से वहाँ जा सकते हैं। इस प्रकार यात्रियों को पैदल बहुत कम चलना पड़ेगा।

भोजन एवं चाय नाश्ताभोजन एवं चाय नाश्ता

यात्रियों के लिए यात्रा काल में चाय-नाश्ता व दोपहर एवं रात्रि भोजन रहेगा। भोजन में एक दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी का पूरा प्रबन्ध होगा। शाम को चाय दी जायेगी। रोटी, दाल एवं चावल में देशी घी का प्रयोग होगा एवं नाश्ता, सब्जी एवं पूरी में रिफाइण्ड का प्रयोग होगा। चावल बासमती दोनों समय बनाया जायेगा। समय की उपलब्धता के आधार पर यात्रियों को अचार, पापड़, मीठा, सलाद भी भोजन के साथ दिया जायेगा। प्याज व लहसुन का प्रयोग वर्जित होगा। रेल द्वारा लम्बी दूरी की यात्रा के दौरान भोजन (जैन थाली) की व्यवस्था आई. आर. सी. टी. सी. के अधिकृत भोजनालय से की जायेगी। दोपहर एवं रात्रि भोजन के साथ एक-एक मिनरल वाटर की बोतल यात्रियों को दी जायेगी।

आवश्यक सामान:आवश्यक सामान

यात्री अपने साथ दो पासपोर्ट साइज फोटो, ऑरिजनल वोटर कार्ड, व ऑरिजनल आधार कार्ड साथ में अवश्य लावें। कृपया प्रत्येक यात्री अपने साथ में एक गिलास, एक चम्मच, प्लास्टिक की बाल्टी, मग्गा, एक प्लास्टिक की सीट (3x3 फुट का) कपड़े धोने व नहाने के वास्ते, एक प्लास्टिक की रस्सी कपड़े सुखाने हेतु, बिस्तर (मौसम के अनुसार) अवश्य लायें।

सुरक्षासुरक्षा

यात्रियों के सामान की सुरक्षा हेतु, ट्रेन में चाय, नाश्ता, भोजन बनाने व घुमाने के लिए पर्याप्त व्यक्तियों का प्रबन्ध समिति द्वारा रहेगा। कोई भी यात्री सोने व चांदी के जेवर पहनकर न आये। यात्राकाल के दौरान आर्थिक, शारीरिक क्षति एवं यात्री के सामान की जिम्मेदारी यात्री की स्वयं की होगी। व्यवस्थापक यात्रियों के नुकसान का जिम्मेदार नहीं होगा।

शयन सुविधा:शयन सुविधा

रेल यात्रा में प्रत्येक यात्री को सोने के लिए पूरी बर्थ की व्यवस्था होगी। कम्पार्टमेन्ट में कोई तख्ता सीटों के बीच में नहीं लगाया जायेगा। प्रत्येक डिब्बा थ्री टायर स्लीपर क्लास होगा। यात्री ट्रेन यात्रा हेतु अपने साथ (मौसम अनुसार) बिस्तर लायें। जहां पर ट्रेन नही होगी वहां यात्रियों के रात में ठहरने की व्यवस्था गेस्ट हाउस में समिति द्वारा की जायेगी।

सामान्य चिकित्सा एवं मोबाइल चार्जिंग सुविधासामान्य चिकित्सा एवं मोबाइल चार्जिंग सुविधा

हमारी यात्रा में केवल सामान्य चिकित्सा की ही व्यवस्था होगी। जो यात्री नियमित रूप से दवाई लेते हैं वे यात्री यात्रा प्रोग्राम के दिनो के अनुसार कृपया अपनी दवाईयां साथ में लावे। यात्रा काल में यात्री को आवश्यकता पड़ने पर यात्री अपने खर्चे पर अस्पताल/डाक्टर की व्यवस्था अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं। यात्रा काल में आकस्मिक दुर्घटना व प्राकृतिक आपदा से क्षतिपूर्ति के लिये यात्री स्वयं जिम्मेदार होगे। प्रत्येक डिब्बे के प्रत्येक केबिन में मोबाइल चार्ज हेतु बोर्ड लगा होंगा परन्तु मोबाइल सुरक्षा की जिम्मेदारी यात्री की स्वयं की होगी ।

वृद्धजन व अकेली महिलाःवृद्धजन व अकेली महिला

हमारी यात्रा में अकेले वृद्धजन व महिलाएं भी आराम से यात्रा कर सकती हैं। क्योंकि यात्रा का माहौल घर-परिवार जैसा ही रहता है जिस कारण अकेलापन महसूस नहीं होगा।

एलटीसी/एलएफसीएलटीसी/एलएफसी

इसकी सुविधा प्राप्त करने वाले यात्रियों को यात्रा की रसीद, यात्रा का प्रमाण पत्र व रेलवे द्वारा यात्रा प्रोग्राम की कॉपी उपलब्ध करायेंगे परन्तु एल.टी.सी. दिलाने की जिम्मेदारी संस्था की नही होगी।

यात्रा किरायायात्रा किराया

यात्रियों को चाहिए कि प्रत्येक यात्री अपनी बकाया धनराशि देने के वास्ते अपने साथ नकद रूपया अथवा किसी भी बैंक का ड्राफ्ट/ चैक ‘‘श्री शिवशंकर तीर्थ यात्रा (रजि0)’’ के नाम पर ऋषिकेश शाखा का बनवाकर साथ में लावें।

नियम

यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।


तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग यात्रा

रेलवे विभाग द्वारा स्पेशल यात्रा के वास्ते जो भी नियम बनाये गये हैं (सामान, रेलवे टाईम टेबिल और बोगी चेकिंग के वास्ते) उनका पूर्ण रूप से यात्रियों को पालन करना अनिवार्य होगा। प्रत्येक विवाद का न्यायक्षेत्र केवल ऋषिकेश (देहरादून) होगा। उपभोक्ता समिति के अन्तर्गत आने वाले विवाद का भी न्यायक्षेत्र ऋषिकेश (देहरादून) ही होगा।

तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग यात्रा

यात्रियों से अनुरोध है कि अपनी बुकिंग कराने के पश्चात् हैड ऑफिस में अवश्य सूचना दें ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि होने की संभावना ना हो। यात्री सीट बुक कराते समय संस्थापक स्व0 लाला शिवचरण लाल अग्रवाल का नाम, फोटो एवं यात्रा संस्था का नाम सावधानी पूर्वक पढ़कर ही सीट बुक करवायें।

तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग यात्रा

प्रत्येक यात्री टाईम टेबल के अनुसार चलने को बाध्य होंगे, यदि किसी कारणवश कोई गु्रप से अलग होता है तो अगले स्टेशन/गन्तव्य पर यात्री अपने खर्चे पर पहुचेगें। संक्रमक रोगी, मादक पदार्थों का सेवन करने वाले अथवा झगडालू यात्री को यात्रा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार व्यवस्थापक का होगा।

तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग यात्रा

यदि कोई यात्री किन्हीं कारणवश अथवा अस्वस्थ होने की वजह से अपनी यात्रा अधूरी छोड़कर घर वापिस आना चाहेगा तो उस अवस्था में यात्री को व्यवस्थापक की तरफ से केवल घर तक पहुंचाने हेतु रेलवे का थ्री टायर स्लीपर क्लास टिकिट ही दिया जायेगा। किराया वापसी किसी भी अवस्था में देय नहीं होगा। यह व्यवस्था केवल यात्रा समाप्ति के 5 दिन पूर्व तक लागू होगी।

तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग यात्रा

यात्रा में ट्रेन की उपलब्धता, समय के आधार पर निर्भर होती है अतः रेल के देर से पहुँचने, फ्लाइट लेट होने / बस खराब होने/ रेलवे द्वारा बदलाव/ मौसम खराब होने/साप्ताहिक अवकाश/ बन्द/ रैली आदि के कारण सें किसी स्थान पर दर्शन ना होने पर संस्था/ व्यवस्थापक द्वारा कार्यक्रम में जो भी बदलाव किया जायेगा, यात्रियों से निवेदन है कि परिस्थतियों को समझते हुए उसमें अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग यात्रा

यात्रा काल में मैनेजर यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देने की कोशिश करेंगे परन्तु फिर भी यात्रा के दौरान थोड़ी असुविधा होना स्वाभाविक है। उस समय ‘परदेश नरेश कलेशन’ की कहावत के अनुसार तपस्या की भावना से उसे सहन करें व व्यवस्थापक को पूर्ण सहयोग प्रदान करें। मुद्रण में किसी भी प्रकार की त्रुटि के वास्ते क्षमा करें।

तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग यात्रा

यात्रा रद्द करने के नियम :- यदि कोई यात्री अपनी सीट बुक कराकर किसी भी कारणवश सीट कैंसिल करवाना चाहे तो यात्रा की रवानगी की तारीख को छोड़कर उससे 12 दिन पूर्व तक लिखित सूचना देने पर सीट कैंसिल कर अग्रिम धनराशि (रेलवे रिर्जवेशन का कैंसिलेशन शुल्क काटकर) वापिस कर दी जायेगी। रवानगी की तारीख को छोड़कर उससे 12 दिन पूर्व तक लिखित सूचना प्राप्त नहीं होने पर अग्रिम धनराशि वापिस नहीं की जायेगी। यदि बुकिंग यात्रा दिनांक को छोड़कर अन्तिम 12 दिनों में ही की गई है और यात्री अपनी सीट केन्सिल करवाता है तो अग्रिम धनराशि वापिस नही की जायेगी। यदि यात्रा दिनांक का छोड़कर 5 दिन पूर्व तक यात्री द्वारा यात्रा निरस्त की जाती है तो उस स्थिति में यात्री से यात्रा का सम्पूर्ण किराया लेने का कानूनी रूप से अधिकार संस्था को होगा। इसमें किसी भी प्रकार की रियायत नही होगी।

यात्रा विवरणयात्रा विवरण

  • यात्रा प्रस्थान शहर:पुरानी दिल्ली
  • यात्रा प्रस्थान:नए तारीखें जल्दी ही आएंगी।
  • यात्रा किराया:23,000/प्रति व्यक्ति
  • यात्रा अवधि:12 दिवसीय
  • प्रति व्यक्ति 1001 का भुगतान करें और इस मूल्य पर पैकेज धारण करें।
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  • Location: Jai Bhole Shankar Tirth Yatra co, Near Thana Sanganer, Tonk Road,Jaipur,Rajasthan -302029
  • Email: jaibholeshankar441@gmail.com
  • Website:jaibholeshankaryatra.com

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2025 Jai Bhole Shankar Tirth Yatra co. All rights reserved.

स्पेशल रेलगाड़ी द्वारा एक धाम जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम् धाम मल्लिकार्जुन, त्रिवेन्द्रम, तिरुपति

यह स्पेशल तीर्थ यात्रा 15 दिसम्बर 2024, को दिल्ली से स्लीपर क्लास रेल द्वारा प्रारम्भ होगी।

पहला दिन (दिल्ली)

हO निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से दोपहर 12 बजे शुभ प्रस्थान ।

तीसरा दिन (तिरुपति बालाजी)

तिरुपति बाला जी (तिरुमला मन्दिर पहाड़ी पर स्थित है ।) |रेणिगुन्टा से बस द्वारा। (दर्शन के लिए आधार कार्ड साथ लायें।)

पांचवां दिन (कांचीपुरम)

शिवाकांची, विष्णुकांची दर्शन (सप्तपुरी) ।

छठवां दिन(रामेश्वरम् धाम)

समुद्र स्नान, रामकुण्ड, सीताकुण्ड, राम झरोखा मन्दिर दर्शन, 22 कुण्ड स्नान, रामेश्वरम् ज्योर्तिलिंग दर्शन । | ( मदुरई से बस द्वारा प्रस्थान ।)

छठा दिन (मदुरई)

मीनाक्षी देवी मन्दिर, सुन्दरेश्वर महादेव दर्शन ।

सातवां दिन (त्रिवेन्द्रम)

कोवलम बीच, म्यूजियम, तिरुवनन्तपुरम चिड़ियाघर, पद्मनाभम् मन्दिर (विश्व प्रसिद्ध एतिहासिक एवं धनाढ्य मन्दिर)

आठवां दिन (कन्याकुमारी)

कन्याकुमारी मन्दिर, सूर्य उदय या सूर्य अस्त दर्शन, हिन्द- बंगाल - अरब तीनों समुद्रों संगम स्नान (नागरकोइल से बस द्वारा)

दसवां दिन (कोणार्क)

सुप्रसिद्ध सूर्य मन्दिर के दर्शन (पुरी से बस द्वारा प्रस्थान ) ।

दसवां दिन (भुवनेश्वर)

महालिंगराज मन्दिर दर्शन (पुरी से बस द्वारा प्रस्थान ) ।

ग्यारहवां दिन(जगन्नाथपुरी धाम)

जगन्नाथ मन्दिर, सिंहद्वार, अश्वद्वार, सागर स्नान। (मन्दिर की दूरी स्टेशन से केवल एक मील ।)

तेरहवां दिन (मल्लिकार्जुन)

मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग दर्शन । (बसद्वारा विजयवाड़ा से प्रस्थान)

पन्द्रहवां दिन(दिल्ली)

पुरानी दिल्ली स्टेशन पर मधुरस्मृतियों के साथ यात्रा का समापन ।

बद्रीनाथ मंदिर

भारत के चार धाम: बद्रीनाथ धाम मंदिर यात्रा पैकेज


बद्रीनाथ का विष्णु मंदिर ऋषिकेश से 298 किलोमीटर और जोशीमठ से 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पवित्र नगर 3,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहाँ कभी बदरी (बेरी) के पेड़ों का एक घना वन, जिसे मिथकीय बद्रिवन कहा जाता है, फैला हुआ था।

शिवशंकर तीर्थ यात्रा द्वारा प्रस्तुत बद्रीनाथ धाम यात्रा पैकेज एक अद्वितीय यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। यह पवित्र मंदिर, जिसे 9वीं सदी के संत शंकराचार्य ने बनवाया था, कई बार भूस्खलन और बर्फबारी के कारण पुनर्निर्मित हुआ है। 15 मीटर ऊंचे इस लकड़ी के ढांचे पर एक सुनहरा गुंबद चढ़ा हुआ है। मंदिर के द्वार सालाना खुलने से पहले, इसके बाहरी हिस्से में जीवंत रंगों की सजावट होती है, जो आस-पास की ग्रे कंक्रीट की इमारतों और भव्य पर्वत ढालों के बीच एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करती है। दूर से देखने पर यह मंदिर एक तिब्बती गोम्पा जैसा प्रतीत होता है, जो आध्यात्मिकता और भव्यता का अहसास कराता है। बद्रीनाथ का मुख्य पुजारी, जो केरला के नाम्बूदिरी ब्राह्मण जाति से संबंधित होता है, केदारनाथ में भी वही पद धारण करता है, जो इस तीर्थयात्रा की सांस्कृतिक महत्वता को बढ़ाता है। मंदिर के पास ही तप्त कुंड और सूर्य कुंड स्थित हैं, जहाँ श्रद्धालु आध्यात्मिक शुद्धिकरण के लिए पवित्र स्नान करते हैं। मंदिर के दक्षिण में स्थित प्राचीन गाँव बद्रीनाथ क्षेत्र की समृद्ध विरासत की झलक प्रदान करता है। शिवशंकर तीर्थ यात्रा के साथ बद्रीनाथ धाम यात्रा पैकेज पर निकलें और दिव्य वातावरण का अनुभव करें, जहाँ भव्य मंदिर, अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और प्राचीन परंपराएँ मिलकर एक अविस्मरणीय तीर्थ यात्रा अनुभव तैयार करती हैं।

बद्रीनाथ से 24 किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध गोविंदघाट है, जहाँ अलकनंदा और लक्ष्मणगंगा का संगम होता है। यही बर्फ की घाटी और सिख तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के प्रवेश बिंदु भी हैं। बद्रीनाथ से 8 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित वासुकी ताल 4,135 मीटर की ऊंचाई पर है। बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा, पाँच बद्री या पंच बद्री के रूप में ज्ञात चार अन्य मंदिर भी हैं। भविष्य बद्री को भविष्य में बद्रीनाथ के मंदिर स्थल के रूप में माना जाता है, जो तब उपयोग में आएगा जब वर्तमान मंदिर स्थल दोनों जय और विजय की चोटियों के मिल जाने पर अवरुद्ध हो जाएगा।

सभी पर्यटकों को साधुओं और संतो के रूप में ठगों से सावधान रहना चाहिए। ये लोग अक्सर पर्यटकों को पैसे और अन्य वस्तुओं से ठगते हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करने वाले इन धोखेबाजों से सतर्क रहना चाहिए।

शिव शंकर तीर्थ यात्रा कंपनी के साथ भारत के भारत के चार धाम यात्रा कीजिए और चार धाम यात्रा के पवित्र स्थलों जैसे बद्रीनाथ, द्वारिकापुरी, जगन्नाथपुरी, रामेश्वरम, का दिव्य अनुभव प्राप्त करें। हमारे विशेषज्ञ गाइड्स और सुविधाजनक यात्रा पैकेज आपके चार धाम यात्रा को यादगार बनाएंगे।

चारधाम यात्रा उद्घाटन तिथियाँ

भारत के उत्तर भाग में स्थित उत्तराखंड राज्य हर साल, अप्रैल/मई के महीने से शुरू होकर हजारों तीर्थयात्रियों को चारधाम की पवित्र यात्रा के लिए आकर्षित करता है।

यह 'चार पवित्र निवासों' का परिपथ यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को घड़ी की दिशा में शामिल करता है। यह बहुप्रतीक्षित यात्रा अप्रैल/मई के महीने से शुरू होती है और नवंबर तक समाप्त होती है, इससे पहले कि हिमालय की बर्फबारी सर्दियों के महीनों में रास्ते को बंद कर दे।

चारधाम यात्रा की विशिष्ट तिथियाँ चारधाम मंदिर समिति, केदार-बदरी मंदिर समिति द्वारा पवित्र हिंदू कैलेंडर 'पंचांग' की सलाह लेकर अक्षय तृतीया के पवित्र दिन से पहले घोषित की जाती हैं, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से वह कभी भी धूमिल नहीं होता और हमेशा बढ़ता रहता है।

चार धाम यात्रा के 2024 के लिए उद्घाटन की तिथियाँ

पहले नंबर पर गंगोत्री मंदिर है, जो देवी गंगा को समर्पित है। यह मंदिर 10 मई, 2024 से आगंतुकों के लिए खुला रहेगा।

यमुनोत्री मंदिर भी 10 मई, 2024 से आगंतुकों के लिए खुला रहेगा।

इसके बाद, भगवान शिव के लिए समर्पित केदारनाथ मंदिर का उद्घाटन कुछ दिनों बाद, अनुमानतः 12 मई 2024 को होगा।

बद्रीनाथ मंदिर 12 मई 2024 से खुला रहेगा।

चार धाम यात्रा की बंद होने की तिथियाँ निम्नलिखित हैं

यमुनोत्री 31 अक्टूबर, 2024 को बंद हो जाएंगे।

भक्तगण पवित्र गंगोत्री मंदिर 2 नवंबर, 2024 को बंद हो जाएंगे।

केदारनाथ धाम, 2 नवंबर, 2024 को बंद हो जाएंगे।

अंतिम धाम, बद्रीनाथ धाम 9 नवंबर, 2024 को बंद हो जाएंगे।

Opening Date Closing Date (Tentative)
Yamunotri Temple - 10 May 2024 31 October 2024
Gangotri Temple - 10 May 2024 2 November 2024
Kedarnath Temple - 12 May 2024 2 November 2024
Badrinath Temple - 12 May 2024 9 November 2024

चार धाम यात्रा के दौरान हम जो स्थल देखेंगे


देवप्रयाग

यह वह स्थल है जहाँ शांतिपूर्ण अलकनंदा नदी उग्र भागीरथी नदी को अपनाती है और यहीं से गंगा का जन्म होता है। भक्त हिंदू देवप्रयाग को इलाहाबाद के त्रिवेणी संगम के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण प्रयाग मानते हैं। उत्तराखंड में पाए गए सबसे प्राचीन शिलालेख यहाँ स्थित हैं। प्रसिद्ध रघुनाथ मठ, जो राम मंदिर के कई नामों में से एक है, भी यहीं स्थित है और देवप्रयाग में ही बद्रीनाथ के पुजारी सर्दियों में निवास करते हैं। एक पुरानी किंवदंती के अनुसार, इस स्थल का नाम देव शर्मा के नाम पर पड़ा, जो एक गरीब ब्राह्मण थे जिन्होंने यहाँ कठोर तपस्या की और विष्णु के अवतार राम से आशीर्वाद प्राप्त किया। रामायण के नायक राम ने यहाँ ब्राह्मण हत्याओं के पाप से मुक्ति प्राप्त करने के लिए यहाँ आए थे। राजा दशरथ, भगवान राम के पिता, ने भी यहाँ तपस्या की थी।

जोशीमठ

यह एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन और धार्मिक केंद्र है। यह बद्रीनाथ का शीतकालीन निवास स्थान है। जोशीमठ से 6 किमी दूर औली में आप सर्दियों के दौरान स्कीइंग और अन्य शीतकालीन खेलों का आनंद ले सकते हैं। फूलों की घाटी, जिसे 'धरती पर स्वर्ग' कहा जाता है, में कई प्रकार के दुर्लभ फूल पाए जाते हैं। जून से अगस्त के बीच आप वहाँ ब्रह्म कमल जैसे फूल देख सकते हैं। फूलों की घाटी के पास ही हेमकुंड है, जहाँ एक सुंदर झील और हेमकुंड साहिब का गुरुद्वारा स्थित है। यह भारत का सबसे ऊँचा गुरुद्वारा है।

रुद्रनाथ मंदिर

भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर 8वीं सदी ईस्वी में बनाया गया था और यह गोपेश्वर से 23 किमी दूर स्थित है।

बागनाथ मंदिर

बागेश्वर को भगवान शिव के इस प्राचीन मंदिर के नाम पर नामित किया गया है जो नगर के केंद्र में स्थित है। प्रसिद्ध किंवदंती के अनुसार, ऋषि मार्कंडेय यहाँ रहे और इस पवित्र स्थल पर भगवान शिव ने बाघ के रूप में दर्शन दिया। इस पवित्र स्थल का निर्माण चंद वंश के शासनकाल में किया गया था और एक प्रसिद्ध किंवदंती के अनुसार, कोई भी शिवलिंग को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित नहीं कर सका था, अंततः पलायन गांव के मनोहर पांडे ने शिवरात्रि के त्यौहार पर तपस्या करके शिवलिंग की स्थापना की।

तब से शिवरात्रि के पर्व पर यहाँ एक विशाल मेला आयोजित किया जाता है। भारत भर से भक्त इस मेले में शामिल होने के लिए यहाँ आते हैं।

श्री हरू मंदिर

यह महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बागेश्वर से 5 किलोमीटर की दूरी पर उत्तरांचल में स्थित है। यह मान्यता है कि मंदिर की देवी भक्तिपूर्वक पूजा करने वाले सभी लोगों की इच्छाएँ पूरी करती है। यहाँ हर साल विजयदशमी के अवसर पर एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।

गौरी उडियार

यह पवित्र स्थल उत्तरांचल में बागेश्वर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह एक बड़े गुफा के लिए प्रसिद्ध है जिसमें हिंदू देवता भगवान शिव की प्रतिमाएँ स्थापित हैं।

आपके पास कोई प्रश्न है?

हमें कॉल करने में संकोच न करें। हमारे पास विशेषज्ञों की एक टीम है जो आपके सभी प्रश्नों का समाधान करेगी। धन्यवाद।

+91-9997846483

तीन धाम 11 ज्योतिर्लिंग तीर्थ यात्रा - 33 दिन

मुख्य आकर्षण : 11 ज्योतिर्लिंग, 3 धाम, गंगासागर, कन्याकुमारी तीर्थ यात्रा


प्रस्थान : 24 नवम्बर 2024 व 05 जनवरी 2025


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एक धाम जगन्नाथपुरी गंगासागर तीर्थ यात्रा - 16 दिन

मुख्य आकर्षण : जगन्नाथपुरी, काशी, प्रयाग, अयोध्या, नेपाल यात्रा


प्रस्थान : नए तारीखें जल्दी ही आएंगी।


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एक धाम द्वारिका पुरी धाम - 12 दिन

मुख्य आकर्षण : उज्जैन, ओंकारेश्वर, स्टैचू ऑफ यूनिटी, द्वारका, सोमनाथ तीर्थ यात्रा


प्रस्थान : जल्द ही


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ब्रज चैरासी कोस यात्रा - 10 दिन

मुख्य आकर्षण :मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, बरसाना, गोवर्धन यात्रा


प्रस्थान :08 नवम्बर 2024


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