Overview
बृज चौरासी कोस यात्रा की विवरणावली
यात्रा प्रस्थान : 2 अगस्त, 14 नवंबर
यात्रा समय : 10 दिवस
किराया : 14000 रुपये (Non Ac), 17000/- (Ac) ( छोटी गाड़ियों द्वारा )
दिन |
दर्शनीय स्थल |
पहला दिन |
जयपुर/कोटा /दिल्ली से शुभ प्रस्थान (रात्रि विश्राम वृन्दावन) |
दूसरा दिन
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जमुना मैया पूजन, जमुना स्नान, चीर घाट, केसी घाट एवं निधिवन, रंगनाथ मंदिर, गोपेश्वर मंदिर व मन्द महल दर्शन कर वापिस वृन्दावन धाम |
तीसरा दिन |
श्री मानसरोवर, श्री भाण्डीर वन , राधारानी विवाह स्थल, वल्देव दाउजी के दर्शन क्षीर सागर ब्राह्मण घाट, मूद भक्षण, पुरानी गोकुल, नन्द भवन, चौरासी खम्भा, पूतना घाट, ऊखल बंधन रमणरेती श्री बांकेबिहारी दर्शन, गोकुल दर्शन, नन्द महल, श्री ठकुरानी घाट, रावल राधा श्री प्रागट्य स्थल वापिस वृन्दावन धाम |
चौथा दिन
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मथुरा, द्वारिकाधीश दर्शन, विश्राम घाट, गतश्रय नारायण दर्शन, स्वेत वाराह नील बारह , मथुरा देवी, श्रीकृष्ण जन्मभूमि, भूतेश्वर महादेव, बिरला मंदिर , पागल बाबा मंदिर , वापिस वृन्दावन |
पाँच दिन |
गोवर्धन परिक्रमा शान्तनु कुण्ड, शान्तनु बिहारी दर्शन, श्री सुरदास जी की भजन स्थली गुसाई जी की बैठक, चन्द्रसरोबर मानसी गंगा, चकलेश्वर महादेव, दानघाटी, गिर्राज बाबा दर्शन, गोविन्द कुण्ड पुछंरी का लौटा, जतीपुरा, मुखारविन्द दुग्ध अभिषेक, राधा कुण्ड, कृष्ण कुण्ड एवं वृन्दावन वापिस । |
छठा दिन |
डीग-लक्ष्मण मंदिर, आदि बद्रीनाथ, जमुनौत्री, गंगौत्री, लक्ष्मण झूला, नर-नारायण पर्वत, गौरी कुण्ड, केदारनाथ, कामेश्वर महादेव, विमला देवी दर्शन, भोजनथाली बलदेव चरण, श्री वृन्दावन धाम वापिस |
सातवाँ दिन |
बरसाना, पीली पोखर, वृषभान महल, साँकरी खोर, चिकसौली, गहवर कुण्ड, मोर कुटी, श्री जी महल, ऊंचा गांव, श्री ललिता विवाहस्थल, देह कुण्ड, नागा जी वापिस वृन्दावन। |
आठवाँ दिन |
विसाई की झांडी, प्रेम सागर, संकेत बिहारी, नन्द गांव, यशोदा कुण्ड, नन्द बैकठ ,आमेश्वर महादेव, कोकिला बन, कोकिला बिहारी, कोकिला कुण्ड, शनि दर्शन छोटी बठैन, बड़ी बठैन, चरण पहाड़ी वापिस वृन्दावन। |
नवाँ दिन |
कोसी-गौमती सरोवर, द्वारिकापुरी, दाउजी दर्शन, क्षीर सागर, शेष साँई भगवान वैकुण्ठ दर्शन, फालेन, प्रहलाद कुण्ड,श्री प्रहलाद दर्शन, शेरगढ़, ऐचा दाउजी, बिहारवन, अक्षयवट, तपोवन, चीर घाट, कात्यायनी देवी, गरूड़ गोविन्द वृन्दावन |
दसवाँ दिन |
जमुना स्नान, वृन्दावन सप्तधारा सहित पैदल सामूहिक परिक्रमा, सैयादान, यात्रा पूर्ण
संकल्प एवं दोपहर भोजन के बाद स्वधाम के लिए प्रस्थान। |
यात्रा किराया - भोजन, चाय, नाश्ता, धर्मशाला, नान ए.सी. बस एवं नान ए.सी. कमरे सहित किराया रू. 14000/- (बारह हजार पाँच सौ रूपये ) एवं ए.सी. कमरे सहित किराया रू. 17000/- (चौदह हजार नौ सौ एक रूपये मात्र) एक सीट का किराया लिया जावेगा। बच्चों का (उम्र 4-8 वर्ष) किराया 5,000 (पांच हजार रूपये मात्र) लिया जावेगा व बस में सीट दी 'जायेगी। कमरे में अलग से बैड नहीं होगा।
ठहरने की व्यवस्था : यात्रियों को ठहरने की व्यवस्था होटलों / धर्मशाला में होगी व यात्रियों को डबल बैड के रूम दिये जायेंगे जिसमें अटैच लेटबाथ होंगे।
अग्रिम बुकिंग - अग्रिम बुकिंग हेतु रू. 2000/- (दो हजार रूपये मात्र) प्रति सवारी नकदी/ मनीआर्डर/ड्राफ्ट "जय भोले शंकर तीर्थ यात्रा कम्पनी " के नाम से बनवाकर हैड ऑफिस या किसी भी ब्रांच ऑफिस पर जमा करायें। शेष राशि यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व देनी होगी।
नोट: जयपुर/कोटा/दिल्ली से मथुरा यात्रियों को ट्रेन से लाया जायेगा एवं यात्रा पश्चात ट्रेन द्वारा वापिस भेजा जायेगा।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य है:-
1. रेल्वे विभाग द्वारा यात्रियों के लिए जो सामान अनिवार्य तथा इस ट्रेन के लिए सरकार द्वारा जो व्यवस्था की जायेगी उसका पालन करने के लिए, सभी यात्री बाध्य होंगे। प्रबन्धक रेल्वे परिवर्तन के कारण विवरणावली दर्शाए गये प्रोग्राम में परिवर्तन कर सकते है
2. प्रत्येक यात्री टाइम टेबिल के अनुसार चलने को बाध्य होगें। यदि कोई यात्री ग्रुप से पृथक होता है जो अगले सीन पर यात्री स्वयं के खर्च पर पहुंचेगें
3. संक्रामक रोगी, मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले अथवा झगड़ालू यात्री को पृथक करने का पूर्ण अधिकार व्यवस्थापक को होगा।
4. यदि यात्री अपनी सीट बुक कराकर किसी कारणवश कॅन्सिल कराना चाहें तो 15 दिन पूर्व तक सूचना आने पर आधा रूपया वापिस किया जायेगा। 15 दिन से कम समय पर एडवांस रूपया वापिस नहीं किया जायेगा।
5. यदि कोई यात्री किन्ही कारणवश अथवा अस्वस्थ होने की वजह से अपनी यात्रा अधूरी छोड़कर वापिस घर आना चाहे तो उस अवस्था में व्यवस्थापक की तरफ से यात्री को केवल घर तक पहुंचने का रेल्वे का द्वितीय श्रेणी का टिकिट ही दिया जायेगा।
6. प्रबन्धक यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देंगे, फिर भी "परदेश क्लेश नरेशन कूँ’’ " की कहावत के अनुसार यात्रा में असुविधा होना स्वाभाविक है। उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें। कम्पनी किसी भी तरह की हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होगी।
7. सभी प्रसंगो का न्याय क्षेत्र जयपुर हैड ऑफिस होगा व उपभोक्ता फर्म का भी न्यायक्षेत्र जयपुर ही होगा