Overview
स्टेशन |
दिन |
दर्शनीय स्थल |
जयपुर/कोटा/ दिल्ली |
पहला दिन |
जयपुर/कोटा/ दिल्ली रेलवे स्टेशन से प्रस्थान होगी। |
० उज्जैन |
दूसरा दिन
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क्षिप्रा स्नान, महाकालेश्वर ज्योर्तिलिग दर्शन ,बडा,गणेश,हरिसिद्वी माता मंदिर,संतोषी माता मंदिर। |
० ओंकारेश्वर |
तीसरा दिन |
नर्वदा गंगा स्नान, ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग दर्शन। |
द्वारिकापुरी धाम |
पांचवा दिन |
गोमती गंगा स्नान, द्वारिकाधीश मंदिर, रुकमणी मंदिर, नागेश्वर ज्योर्तिलिंग दर्शन, गोपी तालाब (स्टीमर से जायेंगे) |
० भेंट द्वारिका |
पांचवा दिन |
भेंट द्वारिका, श्री कृष्ण महल दर्शन। |
० सोमनाथ |
छटवा दिन |
त्रिवेणी संगम स्नान, सोमनाथ महादेव ज्योर्तिलिंग दर्शन, गीता भवन, भालका तीर्थ, अरब सागर अवलोकन |
० पूणे |
आठवां दिन |
भीमा शंकर ज्योर्तिलिंग के दर्शन (पूणे से बस द्वारा प्रस्थान |
० नासिक |
नवां दिन |
त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग, गोदावरी गंगा स्नान, कालाराम गारेराम मंदिर, पंचवटी, सीता गुफा, मारीच गुफा दर्शन |
० शिर्डी |
नवां दिन |
विश्व प्रसिद्ध शिर्डी के साईबाबा मन्दिर के दर्शन। |
० औरंगाबाद |
दसवां दिन |
घृष्णेश्वर महादेव ज्योर्तिलिंग के दर्शन। |
० शनि शिग्नापुर |
दसवां दिन |
विश्व विख्यात शनिदेव जी का प्राचीन मंदिर) यहां पर आज भी दुकानों व घरों पर चौखट /दरवाजे नही हैं। |
परली बैजनाथ |
ग्यारवाँ दिन |
परली बैजनाथ महादेव ज्योर्तिलिंग दर्शन । (महाराष्ट्र) |
० श्री शैलम् |
बारहवां दिन |
मल्लिकार्जुन ज्योति दर्शन (हैदराबाद से बस द्वारा श्री शैलम् प्रस्थान) |
० तिरुपति बालाजी |
चौदहवां दिन |
तिरुपति बालाजी (भगवान बैंकटेश्वर ) के दर्शन । |
कन्याकुमारी |
सोलहवां दिन |
हिन्द बंगाल अब सागर तीनों समूहों का संगम स्नान विवेकानन्द शिला स्मारक , कन्या कुमारी मन्दिर दर्शन । (स्टीमर का किराया पात्र स्वयं देंगे) |
मदुरै |
सत्रहवां दिन |
मीनाक्षी मंदिर, सुन्दरेश्वर महादेव मंदिर दर्शन । |
रामेश्वरम् ग्राम |
अठारहवा दिन |
समुद्रस्नान 22 कूप रामेश्वर धाम एवं ज्योर्तिलिंग दर्शन । |
जगन्नाथपुरी |
बीसवां दिन |
सागर स्नान, जगन्नाथपुरी मन्दिर दर्शन । |
० गंगासागर |
इक्कीसवां दिन |
गंगासागर महातीर्थ स्नान, कपिल मुनि भगवान दर्शन (कलकत्ता से बस द्वारा गंगासागर जायेंगे) (रात्रि विश्राम धर्मशाला) |
० कलकत्ता |
बाइसवां दिन |
काली देवी मन्दिर, रानी विक्टोरिया मैमोरियल भ्रमण। |
० बौद्धगया |
तेविस्वां दिन |
बौद्धगया प्रमुख मंदिर, नौलखा मंदिर, जापानी मंदिर, तिब्बती मंदिर। |
०गयाजी |
चौबीस्वां दिन |
विष्णु पद, पिण्डदान भूमि में पिण्ड प्रदान । |
वाराणसी |
पच्चीसवा दिन |
गंगा स्नान, काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग दर्शन। |
० नेपाल काठमांडू ० विदेश यात्रा |
सत्ताईसवा दिन |
पशुपतिनाथ मंदिर, अर्द्धज्योतिलिंग दर्शन (रात्रि विश्राम काठमांडू) |
● अयोध्या जी |
उन्नतीसवा दिन |
सरयू स्नान , रामजन्म भूमि, हनुमान गढ़ी, कनक भवन राजभवन (बस द्वारा नेपाल, काठमांडू के लिये प्रस्थान) |
प्रयागराज |
तीसवां दिन |
त्रिवेणी संगम स्नान, अक्षयवट भारद्वाज आश्रम आनन्द भवन दर्शन । |
जयपुर/कोटा/ दिल्ली |
इकातीश्ववा दिन |
मधुर स्मृतियों के साथ यात्रा सम्पूर्ण । |
सुविधाये
उद्देश्य
:- हमारा उद्देश्य तीर्थ यात्रा से धन कमाना नहीं है वरन यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा , सुप्रसिद्द तीर्थो के दर्शनों व् धार्मिक स्थानों के दर्शन लाभ कराना है |
यात्रा किराया :- चाय, नाश्ता, भोजन होटल/धर्मशाला, बस स्टीमर एवं दुसरे दर्जे का शयनयान रेलवे कोच द्वारा समस्त सुविधाओ सहित किराया रुपये 45000/- प्रति सवारी होगा | मिडिल एवं अपर बर्थ का किराया रू 44000/- होगा | अग्रिम बुकिंग हेतु रू. 2000/- प्रति सवारी लिया जायेगा | शेष राशि यात्रा प्रारम्भ होने से 10 दिन पूर्व कंपनी के बैंक खाते में जमा कराये व जमा रसीद या स्टेटमेंट अपने साथ लेकर आये |
भोजन एवं चाय- नास्ता :- यात्रियों को यात्रा समय में सुबह चाय, नाश्ता दोपहर एवं रात्रि भोजन में एक दाल एक सब्जी, चावल रोटी का पूरा प्रबन्ध कंपनी का रहेगा | शाम 4 बजे चाय दी जाएगी | रोटी एवं दाल में शुद्ध देशी घी प्रयोग होगा एवं नाश्ता व् सब्जी एवं पूरी में रिफाइंड का प्रयोग किया जायेगा | चावल बासमती बनाया जायेगा | यात्रा समय में यथा संभव पापड़, चटनी, अचार भोजन के साथ दिया जावेगा | प्याज एवं लहसुन का प्रयोग नहीं किया जावेगा |
पर्यटन हेतु वाहन व्यवस्था :- चिन्हित (*) स्थानों के लिए बस की व्यवस्था रेलवे स्टेशन से मंदिर तक ले जाने की और वहां से घुमाकर वापिस लाने की व्यवस्था हमारी कम्पनी की होगी | यानि यात्रियों को कम से कम पैदल चलना पड़ेगा | जहा पर (*) नहीं है, मंदिर एवं धर्मशाला स्टेशन से नजदीक है | यात्रियों को पैदल या स्वय के खर्चे से चलना होगा | मार्गदर्शक साथ रहेगे जो यात्रियों का मार्गदर्शन करेगें |
सामान सुरक्षा:- प्रत्येक बोगी पर सामान की सुरक्षा हेतु चौकीदार की व्यवस्था कंपनी की होगी| तदापि यात्रिओ के नुकसान की जिमेदारी नहीं होगी | कोई भी यात्री सोने चांदी के जेवर आदि पहन के नहीं आयेगा |
धर्मशाला एवं गेस्ट हॉउस की व्यवस्था :- प्रत्येक यात्री को शयन हेतु गग्देदार बर्थ की व्यवस्था रहेगी | यात्री अपने साथ हलके बिस्तर लाये | बर्थो के बीच में तख्ते नहीं लगाये जायेगे | जहाँ पर ट्रेन नहीं होगी यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था धर्मशाला में कंपनी की तरफ से की जाएगी |
अकेली महिला एवं वृद्द्जन :- हमारी तीर्थ यात्रा ट्रेन में अकेली महिला व वृद्दजन भी यात्रा कर सकते है , क्योकि हमारी गाड़ी का माहोल घर – परिवार जैसा ही रहता है , जिससे अकेलापन महसूस नहीं होता है |
यात्रा में आवश्यक सामान :- आप यात्रा के समय दो कटोरी , एक चम्मच , एक गिलास , एक पलास्टिक की बाल्टी , कपड़ा सुखाने की रस्सी , टार्च आवश्यक दवा ( यदि आप कोई लेते हो ) साथ में लाये |
नोट – रेलवे 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले (वरिष्ठ नागरिक) यात्रियों के रेल किराये में 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की छूट देती है | मगर रेलवे बोर्ड ने पत्र संख्या आर /ए 41/197 पी.टी. 10 (पालिसी) रूल न. 305 (9) दिनांक 25-9-1997 के अनुसार स्पेशल ट्रेन व स्पेशल बोगी के लिए सभी छूटें रद्द कर दी हैं | यदि कोई कंपनी वरिष्ठ नागरिक, बच्चे का किराया व विकलांग की छूट देने का दावा करती है तो वह धोखा देती हैं | क्योंकि रेलवे ऐसी कोई छूट नहीं देती |
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य है:-
1. रेल्वे विभाग द्वारा यात्रियों के लिए जो सामान अनिवार्य तथा इस ट्रेन के लिए सरकार द्वारा जो व्यवस्था की जायेगी उसका पालन करने के लिए, सभी यात्री बाध्य होंगे। प्रबन्धक रेल्वे परिवर्तन के कारण विवरणावली दर्शाए गये प्रोग्राम में परिवर्तन कर सकते है
2. प्रत्येक यात्री टाइम टेबिल के अनुसार चलने को बाध्य होगें। यदि कोई यात्री ग्रुप से पृथक होता है जो अगले सीन पर यात्री स्वयं के खर्च पर पहुंचेगें
3. संक्रामक रोगी, मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले अथवा झगड़ालू यात्री को पृथक करने का पूर्ण अधिकार व्यवस्थापक को होगा।
4. यदि यात्री अपनी सीट बुक कराकर किसी कारणवश कॅन्सिल कराना चाहें तो 15 दिन पूर्व तक सूचना आने पर आधा रूपया वापिस किया जायेगा। 15 दिन से कम समय पर एडवांस रूपया वापिस नहीं किया जायेगा।
5. यदि कोई यात्री किन्ही कारणवश अथवा अस्वस्थ होने की वजह से अपनी यात्रा अधूरी छोड़कर वापिस घर आना चाहे तो उस अवस्था में व्यवस्थापक की तरफ से यात्री को केवल घर तक पहुंचने का रेल्वे का द्वितीय श्रेणी का टिकिट ही दिया जायेगा।
6. प्रबन्धक यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देंगे, फिर भी "परदेश क्लेश नरेशन कूँ’’ " की कहावत के अनुसार यात्रा में असुविधा होना स्वाभाविक है। उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें। कम्पनी किसी भी तरह की हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होगी।
7. सभी प्रसंगो का न्याय क्षेत्र जयपुर हैड ऑफिस होगा व उपभोक्ता फर्म का भी न्यायक्षेत्र जयपुर ही होगा