Overview
उत्तराखण्ड के चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री, हरिद्वार, ऋषिकेश यात्रा विवरणावली
यात्रा प्रस्थान: मई - 2, 9, 13, 17, 20, 24, 28, जून - 4, 8, 15- 2025
यात्रा किराया - हरिद्वार से हरिद्वार 24,000/-
जयपुर से जयपुर - 26000/-
यात्रा समय : 13 दिवस
दिन |
स्थान |
पहला दिन |
जयपुर/ कोटा / दिल्ली से एसी स्लीपर बस या ट्रेन के 3 AC में रिजर्वेशन द्वारा शुभ प्रस्थान । |
दूसरा दिन |
हरिद्वार में हरि की पौड़ी खान, पावन धाम, (यात्री स्वयं ऑटो से जायेंगे।) (रात्रि विश्राम हरिद्वार ) |
तीसरा दिन |
हरिद्वार से सुबह 7 बजे नास्ता के पश्चात रवाना (रात्रि विश्राम खरादी) |
चौथा दिन |
प्रातः खरादी से जानकी चट्टी तक बस द्वारा व जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक 6 किलोमीटर पैदल यात्रा, तप्त कुंड खान, यमुना जी मन्दिर के पावन दर्शन (रात्रि विश्राम खरादी) |
पांचवा दिन |
दोपहर 12.00 बजे भोजन के पश्चात खरादी से उत्तरकाशी के लिए रवाना (रात्रि विश्राम मातली /उत्तरकाशी) |
छठा दिन |
प्रातः उत्तरकाशी से बस द्वारा गंगोत्री रवाना, पतित पावनी गंगा मैया स्नान एवं गंगा मैया मन्दिर दर्शन व वापसी (ब्रेकफास्ट व लंच रास्ते में ) ( रात्रि विश्राम मातली / उत्तरकाशी) |
सातवां दिन |
चाय नाश्ता के पश्चात उत्तरकाशी से पीपलकोठी रवाना (रात्रि विश्राम पीपलकोठी) |
आठवां दिन |
प्रातः गर्म कुण्ड स्नान व बद्रीनाथ भगवान के दर्शन, पिण्डदान (रात्री विश्राम बद्रीनाथ डीलक्स डोरमेटरी में रहेगा) |
नवां दिन |
चाय नास्ता पश्चात नारायनकोठी प्रस्थान (रात्रि विश्राम नारायणकोठी) |
दसवां दिन |
प्रातः नारायण कोठी से सोनप्रयाग तक बस द्वारा व परिस्थिति अनुकूल पैदल, घोड़ा व पालकी । (यात्री विश्राम केदारनाथ टैंट में रहेगा) |
ग्यारहवां दिन |
प्रातः केदारनाथ ज्योर्तिलिंग दर्शन व वापसी (रात्रि विश्राम नारायण कोठी ) |
बारहवां दिन |
प्रातः 7.00 बजे चाय नाश्ता के पश्चात हरिद्वार रवाना । (रात्रि विश्राम हरिद्वार) |
तेरहवां दिन |
हरिद्वार से स्वधाम प्रस्थान एवं मधुर स्मृतियों क साथ यात्रा सम्पूर्ण । |
यात्रा किराया भोजन, चाय, नाश्ता, धर्मशाला, बस सहित किराया हरिद्वार से हरिद्वार 24,000/- ( बाईस हजार रूपये) एक सीट का किराया लिया जावेगा। बच्चों का (उम्र 4 से 8 साल ) का किराया 20,000/- अठारह हजार रूपये मात्र) लिया जायेगा व बस में सीट दी जायेगी। कमरे में अलग से बैड नहीं होगा।
नोट : यमुनोत्री एवं केदारनाथ में 6, 18 किलोमीटर का पैदल रास्ता है। यात्री घोड़ा - खच्चर कांढ़ी, पालकी एवं हेलिकॉप्टर की व्यवस्था स्वयं के खर्चे पर करेंगें।
सुविधाएं
नोट :- कम्पनी द्वारा छोटे ग्रुप में यात्रीयों को पर्सनल गाड़ीयों की व्यवस्था भी की जाती है। जैसे- बोलेरो, टवेरा, टेम्पो ट्रेवल की व्यवस्था की जाती है।
ठहरने की सुविधा:-यात्रियों को ठहरने की व्यवस्था लॉज व होटल में होगी। कमरे डबल बेड, थ्री बेड व फोर बेड के होंगे। प्रत्येक यात्री को बेड की व्यवस्था होगी।
भोजन की सुविधा :- तीन समय चाय, एक समय नाश्ता व दोनो समय भोजन दिया जायेगा । (भोजन में एक चाल, सब्जी रोटी व बासमती चावल दिया जायेगा।) पूडी, सब्जी एवं नाश्ता में रिफाईण्ड का प्रयोग किया जायेगा | रोटी एवं चावल में देशी घी का प्रयोग किया जायेगा।
सामान : -प्रत्येक यात्री को अपने साथ पहनने के कपड़े, एक चम्मच, एक गिलास, स्वेटर अथवा जर्सी गरम कपड़े ( मौसम के हिसाब से) साथ लायें। कृपया कीमती जवाहरात पहनकर नहीं आयें। यदि कोई दवा आप लेते हो तो साथ में लायें।
बुकिंग :-अग्रिम बुकिंग हेतु 2000/- प्रति सवारी नकदी या ऑनलाइन "जय भोले शंकर तीर्थ यात्रा कम्पनी "के नाम से हेड ऑफिस या किसी भी ब्रांच ऑफिस पर जमा करायें। शेष राशि यात्रा प्रारम्भ होने से 8 दिन पूर्व देनी होगी।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य है:-
1. रेल्वे विभाग द्वारा यात्रियों के लिए जो सामान अनिवार्य तथा इस ट्रेन के लिए सरकार द्वारा जो व्यवस्था की जायेगी उसका पालन करने के लिए, सभी यात्री बाध्य होंगे। प्रबन्धक रेल्वे परिवर्तन के कारण विवरणावली दर्शाए गये प्रोग्राम में परिवर्तन कर सकते है
2. प्रत्येक यात्री टाइम टेबिल के अनुसार चलने को बाध्य होगें। यदि कोई यात्री ग्रुप से पृथक होता है जो अगले सीन पर यात्री स्वयं के खर्च पर पहुंचेगें
3. संक्रामक रोगी, मादक द्रव्यों का सेवन करने वाले अथवा झगड़ालू यात्री को पृथक करने का पूर्ण अधिकार व्यवस्थापक को होगा।
4. यदि यात्री अपनी सीट बुक कराकर किसी कारणवश कॅन्सिल कराना चाहें तो 15 दिन पूर्व तक सूचना आने पर आधा रूपया वापिस किया जायेगा। 15 दिन से कम समय पर एडवांस रूपया वापिस नहीं किया जायेगा।
5. यदि कोई यात्री किन्ही कारणवश अथवा अस्वस्थ होने की वजह से अपनी यात्रा अधूरी छोड़कर वापिस घर आना चाहे तो उस अवस्था में व्यवस्थापक की तरफ से यात्री को केवल घर तक पहुंचने का रेल्वे का द्वितीय श्रेणी का टिकिट ही दिया जायेगा।
6. प्रबन्धक यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देंगे, फिर भी "परदेश क्लेश नरेशन कूँ’’ " की कहावत के अनुसार यात्रा में असुविधा होना स्वाभाविक है। उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें। कम्पनी किसी भी तरह की हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होगी।
7. सभी प्रसंगो का न्याय क्षेत्र जयपुर हैड ऑफिस होगा व उपभोक्ता फर्म का भी न्यायक्षेत्र जयपुर ही होगा